सामाजिक स्तर पर समाज भारतीय संस्कृति की सबसे पुरानी अवधारणाओं में से एक है, बिना समाज व्यक्ति की कल्पना भी नही की जा सकती,बिना समाज के व्यक्ति के विवेक,अनुशासन ओर प्रगति की सम्भावनाये क्षीण होती है, समाज हम सब की एक महती आवश्यकता है और वैवाहिक रिश्ते तय करने में तो यह सर्वोपयुक्त है, किन्तु देखने मे आया है की व्यक्तिगत व्यस्तताओं या अन्यान्य कारणों से इन दिनों समाज स्तर पर वैवाहिक रिश्ते जोड़े जाने की पहल कम हुई है जिसके दुष्परिणाम भी सामने आए है। समाज में इन्ही सब स्थितियों को देखते हुए आज यह आवश्यकता बन पड़ी है कि सामाजिक ताने बाने को मजबूत करने के लिए समाज स्तर पर रिश्ते जोडे जाने की पहल हो।इस बात को दृष्टिगत रखते हुवे केवल जांगड़ा पोरवाल समाज के अविवाहित युवक-युवतियों के लिए *पोरवाल रिश्ते* समाज की उसी भूमिका को तकनीकी युग मे निभाने की पहल है।समाज के रिश्ते समाज मे जुड़े ओर समाज मजबूत बने इस अपेक्षा के साथ *पोरवाल रिश्ते* आपके बीच है उम्मीद है यह पहल समाज के लिए लाभदायक होगी|
सामाजिक स्तर पर समाज भारतीय संस्कृति की सबसे पुरानी अवधारणाओं में से एक है, बिना समाज व्यक्ति की कल्पना भी नही की जा सकती, बिना समाज के व्यक्ति के विवेक, अनुशासन ओर प्रगति की सम्भावनाये क्षीण होती है, समाज हम सब की एक महती आवश्यकता है Dan masih banyak lagi perkara yang perlu dilakukan, yang penting bagi mereka yang mempunyai hubungan dengan mereka yang lebih baik daripada yang lain dalam kehidupan seharian mereka. िश्ते जोड़े जाने की पहल कम हुई है जिसके दुष्परिणाम भी सामने आए है. समाज में इन्ही सब स्थितियों को देखते हुए आज यह आवश्यकता बन पड़ी है कि सामाजिक ताने बाने को मजबूत करने के लिए समाज स्तर पर रिश्ते जोडे जाने की पहल हो.इस बात को दृष्टिगत रखते हुवे केवल जांगड़ा पोरवाल समाज के अविवाहित युवक-युवतियों के लिए * पोरवाल रिश्ते * समाज की उसी भूमिका को तकनीकी युग मे निभाने की पहल है.समाज के रिश्ते समाज मे जुड़े ओर समाज मजबूत बने इस अपेक्षा के साथ * पोरवाल रिश्ते * आपक बीच है उम्मीद है यह पहल समाज के लिए लाभदायक होगी |